कहते हैं माँ बनने के सुख अलग ही होता है, इसलिए ऐसे अवस्था में माँ और बच्चे का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है वहीं अगर इनका अच्छे से ध्यान नहीं रखा जाता तो माँ और बच्चा दोनों अस्वस्थ हो सकते है। हर महिला अपने जीवन में चाहती है कि वह भी माँ का सुख प्राप्त करें और यह हर किसी के लिए खास होता है और जब भी महिला को थोडा सा भी कुछ आभास होता है तो वह उत्सुक हो जाती है कि आखिर वह गर्भवती है या नही ? कहा जाता है कि प्रेगनेंसी के दौरान औरतों को जी मिचलाना, उलटी आना, पैरो में सूजन आना ये सब स्वभाविक प्रक्रिया है। वहीं पहले के जमाने में लोग इन्हीं बातों से महिलाओं के प्रेग्नेंट होने का अंदाजा लगाते थें।
आज का जमाना बदल चुका है अब कई सारी ऐसी सुविधाएं भी आ गई है जिससे आप अपनी प्रेग्नेंसी का पता कर सके। इसके लिए आपको कई तरह की दवाईयां भी मार्केट में मिल जाती हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जिससे आपको पहले ही हफ्ते में पता चल सकता है कि आप गर्भवती है या नहीं। जी हां आपको इसके बारे में कुछ ऐसे लक्षण बताने वाले है जिससे आप बिना किसी टेस्ट के ही पता कर सकते है कि आप गर्भवती है या नहीं।
हाल ही में हूए शोध में पता चला है कि आप बिना किसी मेडिसीन का प्रयोग किए भी जान सकती हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं। ये शोध दो महिलाएं गर्भावस्था के दौरान किया गया जिसमें एक ही तरह के लक्षण कभी भी महसूस नहीं करती। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर महिला शरीर के लक्षण और प्रसव पीड़ा अलग अलग होती है लेकिन इसके बावजूद महिलाओं में कई तरह के सामान्य लक्षण भी दिखाई पड़ते है जो ये पता करने में मदद करते हैं कि महिला गर्भवर्ती है।
सबसे पहले तो आप ये जान लें कि हमेशा मासिक धर्म में होने वाली देरी हमेशा गर्भावस्था के ही ओर संकेत नहीं करती है बल्कि इसके कारण आपको हमेशा मासिक धर्म के दौरान दो चार दिन ऊपर होना भी हो सकता है लेकिन कई शारीरिक समस्या ऐसी भी होती है लेकिन अगर आपको मासिक धर्म में दस या पन्द्रह दिन से ज्यादा देर हो गया हो तो आप एक बार डॉ जरूर सलाह ले लें। वहीं आपको कुछ ऐसे ऐसे संकेतो के बारें में भी बताने जा रहे है जिसके बारें में आप अपने घर में बैठे ही पता कर सकते है कि आप गर्भवती है या नही ?
ये रहे कुछ मुख्य संकेत
पहले हफ्ते में सुबह के समय अधिक कमजोरी महसूस होना ये एक मुख्य कारण है।
हमेशा स्तनों में तनाव बना रहना।
मन में बार बार बदलाव होना।
हमेशा कब्ज होना।
गर्भधारण के बाद पीरियड्स में रक्त का स्राव कम हो जाना।
महिलाओं का मुंह का स्वाद बदल जाना, खाने पीने की चीजों में कसापन महसूस करना।
हार्मोन में बदलाव होना।
सिरदर्द की समस्या गर्भावस्था के पहले हफ्ते में बनी रहती है। शरीर में रक्त का प्रवाह बढ़ जाता है।
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